मैं सुबह तो कभी अकेली सैर पर चली जाती हूं पर शाम को हमेशा इन्ही के साथ जाती हूं। पिछली बार जब अकेले गयी थी तब एक महाशय अपने से बात करते मिल गये थे। कुछ दिन पहले हम शाम को पैदल सैर पर जा रहे थे तो एक सज्जन अपनी पत्नी के साथ जाते मिले। उनके पीछे एक सहायक टेनिस का बल्ला घुमाता चल रहा था। बड़ा अजीब लग रहा था। इनसे नहीं रहा गया। इन्होने पूछा कि पैदल सैर पर टेनिस बल्ले का क्या काम है। वे सज्जन मुस्कराये फिर बताया कि,
उन्होने इसका प्रदर्शन कर के भी दिखाया। कुछ मच्छर इसके चपेट में आये । चट से आवाज हुई, एक चिन्गारी निकली और मच्छर का काम तमाम।
मैं नहीं जानती पर कि अमित भैइया के द्वारा बताये गये मोबाईल से मच्छर भाग सकते हैं कि नहीं पर यह तरीका कारगार है। रवी भाईसाहब आप पांच मोबाईल लेकर घूमने की बात कर रहे थे इसे ले कर देखिये। यह बल्ला मंहगा नहीं है मैंने भी एक बल्ला खरीद लिया है। २२० रुपये का पड़ा। ज्लदी में खरीदा था मोल भाव नहीं कर पायी। यदि करती तो शायद कुछ कम कर देता।
चलती हूं इम्तिहान की कापियां आयी हैं, जांचना है। देखती हूं क्या किसी ने फिर कोई कविता लिख दी जैसे पिछले साल लिखी थी। यदि मिलेगी तो बताउंगी।
इसी बीच आप चाहें तो, इनके द्वारा लिखी तूफानी-अंधेरी रात में बस स्टॉप पर वाली पहेली या फिर यदि हमने जानी है जमाने में रमती खुशबू की दूसरी कड़ी Our sweetest songs are those that tell of saddest thought पढ़ सकते हैं।
'सैर करते करते हम लोग सुस्ताने के लिये बेन्च पर बैठ जाते हैं। उस समय मच्छर काटने लगते हैं। यह बल्ला मच्छर मार है। इसमें रिचार्जेबेल बैटरी लगी है। इसका स्विच ऑन कर घुमाने पर इसके लपेट पर आने वाले मच्छर मर जाते हैं।'

मैं नहीं जानती पर कि अमित भैइया के द्वारा बताये गये मोबाईल से मच्छर भाग सकते हैं कि नहीं पर यह तरीका कारगार है। रवी भाईसाहब आप पांच मोबाईल लेकर घूमने की बात कर रहे थे इसे ले कर देखिये। यह बल्ला मंहगा नहीं है मैंने भी एक बल्ला खरीद लिया है। २२० रुपये का पड़ा। ज्लदी में खरीदा था मोल भाव नहीं कर पायी। यदि करती तो शायद कुछ कम कर देता।
चलती हूं इम्तिहान की कापियां आयी हैं, जांचना है। देखती हूं क्या किसी ने फिर कोई कविता लिख दी जैसे पिछले साल लिखी थी। यदि मिलेगी तो बताउंगी।
इसी बीच आप चाहें तो, इनके द्वारा लिखी तूफानी-अंधेरी रात में बस स्टॉप पर वाली पहेली या फिर यदि हमने जानी है जमाने में रमती खुशबू की दूसरी कड़ी Our sweetest songs are those that tell of saddest thought पढ़ सकते हैं।
नमस्ते भाभी जी, अबकी बहुत दिनों में लिखा। अब जरा जल्दी जल्दी कलम (कीबोर्ड) चलाइएगा।
ReplyDeleteबल्ले की कीमत बताना भूल गईं आप।
श्रीष भैइया, धन्यवाद। मैंने कीमत लिख दी है। कोशिश करूंगी पर समय कम मिल पाता है।
ReplyDeleteदूध का जला छाछ को भी फूंक फूंक कर पीता है की तर्ज पर मेरे पास मच्छरों से निजात पाने का हर साधन है - परंतु कोई भी फुल प्रूफ नहीं.
ReplyDeleteइसी किस्म का एक बल्ला मेरे पास पिछले साल भर से है - 125 रुपए में लिया था (आपको मोलभाव करना ही था :)) परंतु मच्छरों को वास्तविक टेनिस प्लेयर की तरह कूद फांदकर मारना बड़ा तकलीफ का काम है....
वैसे, फिर भी है तो यह उपयोगी, मगर जीव हिंसा नकारने वालों को यह बल्ला कुछ ठीक नहीं लगेगा.
यह बल्ला उतना असरकारक नहीं है क्यों कि मच्छर के पंख बहुत संवेदनशिल होते हैं, आपके हाथ के घूमने पर बल्ले से हवा के टकराने पर जो धक्का लगता है उसे मच्छर भाँप लेता है और उड़ जाता है। जो मच्छर मर जाता है यकीनन किसी नेता का खून पी कर आया होता है।
ReplyDeleteहमारे हैदराबाद के बेगम बाजार में २२० रुपयों में तो पाव दर्जन बल्ले मिल जाते हैं इस तरह के। :)
खैर बेचारे दुकानदार को भी तो कुछ कमाई होनी चाहिये ना!!
इस बल्ले से कूद फ़ांद कर मारने से अच्छा है कि एक इसी प्रकार की मच्छर मारने वाली मशीन ले आया जाए जिसमें ट्यूब लगी होती है। अंधेरे कमरे में उसको चला के रख दें और द्वार-खिड़कियाँ बंद कर लें, मच्छर इसी प्रकार जलकर मरेंगे जिस प्रकार इस बल्ले से।
ReplyDelete//चलती हूं इम्तिहान की कापियां आयी हैं, जांचना है। //
ReplyDeleteअच्छे नम्बर दीजियेगा!!... और हो सके तो मेरी पोस्ट भी जांच लें..देखियेगा मेरी मैडम जी ने मुझे कितने नम्बर दिये थे....